Google Search for Web:

बीजिंग- दुनिया की राजधानी ?? from Manish Singh facebook wall Featured

  08 June 2020

इकॉनमिक्स केंद्र में रखकर अपनी राजनीति, प्रशासन, विदेश नीति, रणनीति, दोस्त और दुश्मन तय करने की सलाहियत कभी ब्रिटिश ने दिखाई थी, अब चीन दिखा रहा है। उस वक्त दुनिया के सारे बड़े व्यापारिक केंद्रों में ब्रिटिश की मौजूदगी हुआ करती थी, जिसे जोड़ता था उसका शिपिंग फ्लीट। अब दुनिया के हर केंद्र में चीन बैठा है, सीधे या छुपकर.. और उन्हें जोड़ रही है वन बेल्ट वन रोड की परियोजनाएं।

रोम के सुनहरे दौर में कहा जाता था- "आल रोड्स लीड्स टू रोम"। तब रोम दुनिया की राजधानी था। वन बेल्ट वन रोड की चीन की योजना, जो अब तक ठीक चल रही है,.. पूरी होने "आल रोड लीड्स टू बीजिंग" हमारी पीढ़ी देखेगी। एशिया और यूरोप की हर बड़ी रोड बीजिंग ही जाएगी।
ये वही देश है जिसने इकनामिक सुधार, 90 के दशक में हमारे साथ शुरू किया। बरसों तक हम नेक टू नेक चले। उसकी हंसी उड़ाते रहे, "चल गया तो चांद तक, नही चला तो शाम तक। ये छोटी आंख, छोटे कद के पीले चीनी.. चींटियों की तरह जुटे रहे।
 
 
जुटे हम भी थे, मगर कदम भारी होते गए। पर हमारे कंधे पर मंदिर सवार था, मुसलमान और हिन्दू अस्मिता सवार थी, लोकल पोलिटिक्स सवार थी, चोरी चकारी औऱ करप्शन सवार था। बीस साल ये सब विकास के साथ साथ चले, और इतने बैगेज के बावजूद हम चीन को टक्कर देते रहे।
मगर फिर विकास गौण हो गया। हम गौमूत्र और तबलीगी विमर्श में लगे है। पाकिस्तान को सबक सिखाने और कश्मीर की लड़कियों से ब्याह के सपने बुनने में लगे हैं। परपीड़क सोच से देखा इनमें से एक भी ख्वाब पूरा नही होगा।
क्यों नही होगा.. ?? इकॉनमिक्स।
 
-
चीन पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर सौ बिलियन डॉलर का चाइनीज इन्वेस्टमेंट है। आधा पूरे पाकिस्तान में, और आधा उस कश्मीर में, जो हमारा नही है।
सीपैक सिर्फ ग्वादर पोर्ट नही है, इसके साथ है हाइवे, रेलवे, गैस पाइपलाइन, ताप विद्युतगृह, सोलर विंड और एटॉमिक.. जी हां एटॉमिक पावर प्लांट,। इन प्रोजेक्ट्स का विस्तार है- ग्वादर पोर्ट से लेकर काशगर तक।
काशगर कहां, वही जिनजियांग प्रान्त जिसे वीगर मुसलमानों के उत्पीड़न के नाम से आप मजाक उड़ाते हैं। सी पैक का हब है काशगर। जो काराकोरम हाइवे से होकर ग्वादर से जुड़ता है, कोई 2100 किमी की स्लीक ड्राइव, जो गिलगित बाल्टिस्तान, नीलम वैली से होकर वाया इस्लामाबाद कराची ग्वादर जाता है।
काशगर से बीजिंग कैसे जाएंगे। पहले तिब्बत जाना होगा,उसी सड़क से होकर जो अक्साई चिन से होकर गुजरती है, जिसके कारण 1962 बो चुका है। इस प्रोजेक्ट ने चीन और पाकिस्तान को ऐसा जोड़ा है, की फिलहाल पाकिस्तान में पाकिस्तान से ज्यादा स्टेक चीन का है।
इधर हमारा मीडिया और जनमानस समझता है कि पीओके कोई बकरी का बच्चा है, जो दौड़ लगाई और पाकिस्तान की गोद से छीन लिए। अरे, बेवकूफियां छोड़िये। चीन जान दे देगा पीओके और अक्साई चिन के लिए। जहां इकॉनमिक इंटरेस्ट है, वहां साम दाम दण्ड भेद कुछ काम नही आना।
--
तो समाधान केवल दो हैं। आज कीजिये या 100 साल बाद
पहला या तो अचानक एक रात हमला कीजिये, अपने दो परमाणु सम्पन्न दुश्मनों पर, और एक हफ्ते में पीओके, अक्साई चिन, डोकलाम, अलना फलना घाटी.. जीतकर उसके सामने बंकर, तोप, बाड़बंदी और लैंडमाइन लगाकर सुरक्षित कर लीजिए। फिर जो होगा, देखा जाएगा।
अगर यह सम्भव न लगे, तो जो जिससे हार्ड नेगोशिएशन करके ले- देकर निपटाइये। कुछ पहाड़ियां उनको दे दीजिए, कुछ रख लीजिए। अन्यथा यह दुश्मनी चलती रही, तो एक एक कर पाकिस्तान नेपाल, श्रीलंका , मालदीव की तरह दूसरे पड़ोसी भी आपसे दुश्मनी लेंगे, चीन के ठेके पर।
 
 
ये दोनो ही चीजें करने के लिए वर्तमान सरकार इतिहास की सबसे बेस्ट सरकार है। आज पीएम की बात को दुनिया मे कोई नेता नही काट सकता। ट्रम्प से लेकर जिनपिंग या सऊदी प्रिंस, सारे उनकी जेब मे हैं। उनके नाम का विदेशों में डंका बजता है। वे जीनियस है, रणनीतिक भी, लोकप्रिय भी। अभी 50 साल पीएम रहेंगे। तो फिर मोदी जी नही जीतकर लायेगा तो और कौन..
दूसरी ओर ये सरकार ( पीएम सर नही) अब तक कि सबसे लूजर गवर्नमेंट भी रही है। नेगोशिएशन में अगर दो की जगह दस पहाड़ी भी लूज कर देगी, तो भी छवि पर फर्क नही पड़ेगा। सेटलमेंट तो होगा, पाप कटेगा। और फिर आएगा तो मोदी ही।
यहां तीसरा रास्ता यह है कि जो कांग्रेस और नेहरू का रास्ता अपनाए रखा जाए, अर्थात हां भी और ना भी। अभी वही चल रहा है। यह तो वही कांग्रेसी कुत्तनीति है। इसमें समाधान कहां है।
समाधान पहले दो रास्तों में है। मोदी जी के रहते एक अवसर है.. जो सत्तर साल में पहली बार आया है। दो में से कोई एक कर दीजिए मोदी जी,देश आपको याद रखेगा।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

Headlines

Popular Posts

Priyanka Gandhi

Currency Rates

Weather

Parse error in downloaded data

Top NRI News

Canada announces steps to accelerate family unification for immigrants

IRCC explains that once in Canada, newcomers often seek jobs to support themselves and their...

07.Jun.2023


2 Indians arrested for defrauding American woman of USD 80k

07.Jun.2023


With 3.20 lakh H-1B visas bagged in FY 2022, Indians continue to top USCIS charts

05.Jun.2023


India-born mental health researcher Vikram Patel is new chair of Harvard Medical School's Global Health and Social Medicine

India-born Vikram Patel, a well-known researcher and mental health expert, will be the next chair...

05.Jun.2023


Indian-American Dev Shah crowned 2023 Scripps National Spelling Bee champion

Dev Shah, a 14-year-old Indian-American eighth-grader from Florida, who correctly spelled the word...

02.Jun.2023